Posted on by Abhishek Jha
Dakhil Kharij Online Apply 2025: बिहार में भूमि दाखिल खारिज प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन

बिहार में भूमि स्वामित्व में बदलाव की प्रक्रिया को दाखिल खारिज कहा जाता है। जब किसी भूमि का स्वामित्व खरीद, विक्रय, दान, उत्तराधिकार या वसीयत के जरिए बदलता है, तो इसे राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करना आवश्यक होता है। यह प्रक्रिया नए मालिक के अधिकारों की कानूनी मान्यता सुनिश्चित करती है। दाखिल खारिज की प्रक्रिया को अब पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है, जिससे आम लोग बिना किसी परेशानी के इस प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकते हैं। इस लेख में, हम बिहार में दाखिल खारिज प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, साथ ही आपको इसके लिए आवश्यक दस्तावेज़, आवेदन की प्रक्रिया और इसकी महत्वपूर्णता के बारे में बताएंगे।
बिहार में दाखिल खारिज क्या है?
दाखिल खारिज एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से भूमि के स्वामित्व में हुए परिवर्तन को राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है। जब भूमि का मालिकाना हक बदलता है, जैसे कि खरीद-फरोख्त, दान, विरासत, वसीयत या विभाजन के माध्यम से, तो दाखिल खारिज आवश्यक हो जाता है। यह प्रक्रिया भूमि के स्वामित्व में परिवर्तन को कानूनी रूप से मान्यता देती है और नए मालिक के अधिकारों की पुष्टि करती है।
दाखिल खारिज का महत्व
1. स्वामित्व का प्रमाण
दाखिल खारिज के माध्यम से नए मालिक का नाम सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है, जो कि भूमि का आधिकारिक स्वामित्व प्रमाण होता है। इससे यह साबित होता है कि भूमि का स्वामित्व वास्तव में नए व्यक्ति के पास है।
2. राजस्व का सही वितरण
दाखिल खारिज के द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि भूमि से संबंधित राजस्व और कर सही स्वामी के नाम पर जमा हों। इससे सरकारी राजस्व का सही तरीके से वितरण होता है और कर चोरी को रोका जा सकता है।
3. कानूनी सुरक्षा
यह प्रक्रिया भूमि विवादों को सुलझाने में मदद करती है। जब भूमि के स्वामित्व का रिकॉर्ड साफ-साफ सरकारी दस्तावेज़ में दर्ज होता है, तो गलत दावों से बचने में आसानी होती है।
4. सरकारी योजनाओं का लाभ
दाखिल खारिज होने के बाद, भूमि के मालिक को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है, जैसे कि कृषि योजनाएं, भू-अधिकार योजनाएं, और सार्वजनिक लाभ योजनाएं।
दाखिल खारिज कब किया जाना चाहिए?
1. भूमि की खरीद-फरोख्त के बाद
यदि आपने भूमि खरीदी है या बेची है, तो इसके बाद नई रजिस्ट्री के बाद दाखिल खारिज कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह प्रक्रिया भूमि के नए मालिक के अधिकारों को प्रमाणित करती है।
2. उत्तराधिकार के मामले में
यदि किसी व्यक्ति को विरासत के द्वारा भूमि मिली है, तो उसे भी तुरंत दाखिल खारिज कराना चाहिए। इसके द्वारा भूमि के नए मालिक का नाम रिकॉर्ड में दर्ज हो जाता है।
3. दान या वसीयत के माध्यम से
जब भूमि का स्वामित्व दान या वसीयत के माध्यम से स्थानांतरित होता है, तो इसे भी दाखिल खारिज के जरिए राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाना चाहिए।
4. विभाजन के बाद
यदि भूमि का विभाजन हुआ है, तो नए मालिकों को अपनी-अपनी हिस्सेदारी के आधार पर दाखिल खारिज कराना चाहिए।
दाखिल खारिज के लिए आवश्यक दस्तावेज़
दाखिल खारिज के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक होते हैं:
1. बिक्री विलेख (Sale Deed)
यह दस्तावेज़ जमीन की खरीद-फरोख्त का कानूनी प्रमाण होता है, और यह दाखिल खारिज के लिए जरूरी होता है।
2. रजिस्ट्री प्रमाणपत्र
यह प्रमाणपत्र जमीन के पंजीकरण का दस्तावेज़ होता है, जो यह दर्शाता है कि जमीन पंजीकृत है और इसका स्वामित्व स्पष्ट है।
3. पहचान पत्र
आपके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड या अन्य सरकारी आईडी होना चाहिए, जिससे आपकी पहचान प्रमाणित हो सके।
4. जमीन के पूर्व स्वामी का दस्तावेज़
यदि भूमि का स्वामित्व किसी और व्यक्ति के पास था, तो उसकी जानकारी भी देनी होगी।
5. वसीयत या उत्तराधिकार प्रमाणपत्र
यदि भूमि किसी को विरासत या वसीयत के माध्यम से मिली है, तो इसका प्रमाणपत्र भी आवश्यक है।
बिहार में दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
बिहार में दाखिल खारिज की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन हो गई है। इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:
1. आधिकारिक पोर्टल पर जाएं
सबसे पहले, आपको बिहार भूमि पोर्टल पर जाना होगा। यहां पर आपको ऑनलाइन दाखिल खारिज आवेदन का विकल्प मिलेगा।
2. रजिस्ट्रेशन करें
इस विकल्प पर क्लिक करें और अपना मोबाइल नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी भरकर रजिस्टर करें।
3. लॉगिन करें
रजिस्ट्रेशन के बाद, आपको अपने मोबाइल नंबर से ओटीपी प्राप्त होगा, जिसे दर्ज करके आप लॉगिन कर सकते हैं।
4. आवेदन भरें
सभी आवश्यक जानकारी सही-सही भरें और मांगे गए दस्तावेज़ अपलोड करें।
5. आवेदन सबमिट करें
सभी जानकारी को पुष्टि करने के बाद, “फाइनल सबमिट” पर क्लिक करें।
6. सत्यापन और स्वीकृति
आपके आवेदन को राजस्व कर्मचारी और अंचल अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा। सत्यापन के बाद, आपको दाखिल खारिज की स्वीकृति मिल जाएगी।
7. रसीद प्राप्त करें
स्वीकृति मिलने के बाद, आप अपनी जमाबंदी रसीद को ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
दाखिल खारिज की स्थिति कैसे जांचें?
बिहार भूमि पोर्टल पर जाएं और होम पेज पर “दाखिल खारिज आवेदन स्थिति” के विकल्प पर क्लिक करें। यहां पर आपको केस नंबर दर्ज करना होगा, जिसे आपको आवेदन करते समय प्राप्त हुआ था। इसके बाद आवेदन की वर्तमान स्थिति आपके सामने प्रदर्शित हो जाएगी। यदि कोई समस्या आती है, तो आप संबंधित अंचल कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
निष्कर्ष
बिहार में दाखिल खारिज प्रक्रिया को ऑनलाइन करके सरकार ने इसे बहुत आसान और सुलभ बना दिया है। अब आपको कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे और आप घर बैठे दाखिल खारिज आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया ना केवल स्वामित्व प्रमाण प्रदान करती है, बल्कि राजस्व और कानूनी सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
यदि आप बिहार में अपनी भूमि स्वामित्व को अपडेट करना चाहते हैं, तो आपको यह प्रक्रिया जल्द से जल्द करनी चाहिए।