LPG price hike December 2024
महंगाई का साया एक बार फिर जनता की जिंदगी पर छा गया है। 1 दिसंबर 2024 को कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि की गई है। हालांकि घरेलू सिलेंडर की कीमतें स्थिर हैं, लेकिन व्यावसायिक सिलेंडर की बढ़ती कीमतें आम आदमी और व्यवसायों दोनों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं।
देश के प्रमुख महानगरों में 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। यह विवरण नए मूल्य बदलावों को दर्शाता है:
14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। प्रमुख महानगरों में यह कीमतें यथावत बनी हुई हैं:
यह जनता के लिए थोड़ी राहत की खबर है, लेकिन क्या यह पर्याप्त है?
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतें पिछले पांच महीनों से लगातार बढ़ रही हैं। जुलाई 2024 में कीमतों में मामूली कमी आई थी, लेकिन उसके बाद अगस्त से यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
दिल्ली में कीमतों का उदाहरण:
कुल 172.50 रुपये की बढ़ोतरी। यह व्यवसायिक क्षेत्र पर बढ़ते दबाव की गवाही देता है।
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर का उपयोग आमतौर पर निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है:
बढ़ती कीमतों से छोटे व्यवसायों की कमर टूट रही है। कई रेस्तरां और छोटे उद्योग पहले ही मुनाफे में गिरावट देख रहे हैं।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सिलेंडर की कीमतें स्थिर रहना राहत की बात है। लेकिन क्या केवल घरेलू राहत पर्याप्त है? व्यवसायिक क्षेत्र की लागत में वृद्धि का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है।
उदाहरण के लिए, रेस्तरां और ढाबे बढ़ी हुई लागत को अपनी सेवाओं में शामिल करते हैं। इससे आम उपभोक्ताओं को हर चीज महंगी पड़ने लगती है।
महंगाई सिर्फ कीमतों में इजाफा नहीं करती, यह आम आदमी की उम्मीदों और खुशियों को भी छीन लेती है।
क्या हम वाकई इस बढ़ती महंगाई के साथ अपनी जिंदगी आसान बना सकते हैं?
बढ़ती कीमतें हर वर्ग को प्रभावित कर रही हैं। सरकार को चाहिए कि वह:
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि हर महीने बढ़ते दबाव को दर्शाती है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए राहत जरूर है, लेकिन व्यवसायिक क्षेत्र के लिए यह राहत अधूरी है।
यह समय है कि सरकार और व्यवसायिक समुदाय साथ मिलकर एक समाधान निकाले ताकि आम आदमी को महंगाई की मार न झेलनी पड़े।
नहीं, घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
कीमतों में वृद्धि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और गैस की कीमतों में उतार-चढ़ाव का परिणाम है।
आमतौर पर व्यावसायिक सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं दी जाती।
सरकार टैक्स में कटौती, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग और सब्सिडी प्रदान कर सकती है।
यह अंतरराष्ट्रीय बाजार की परिस्थितियों और सरकार की नीतियों पर निर्भर करता है।
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