Posted on by Abhishek Jha
Bihar Majdur Durghatna Anudan Yojana 2025 : बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना ऑनलाइन शुरू

बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना (Bihar Majdur Durghatna Anudan Yojana 2025) बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जो न केवल उनके जीवन को सुरक्षित बनाने में मदद करती है, बल्कि उनके परिवारों को आर्थिक राहत भी प्रदान करती है। इस योजना के माध्यम से, सरकार उन मजदूरों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है जो अन्य राज्यों या विदेशों में काम करते समय दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। इस योजना से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी यहां दी जा रही है, जिससे आप इस योजना का पूरा लाभ उठा सकते हैं।
बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना 2025 क्या है?
बिहार राज्य में श्रमिकों की भारी संख्या दूसरे राज्यों और देशों में रोजगार की तलाश में जाती है। इन प्रवासी मजदूरों का जीवन अक्सर जोखिमों से भरा होता है, और उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिनमें सबसे बड़ी समस्या दुर्घटनाओं की होती है। यह योजना ऐसे मजदूरों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिनके साथ कोई अप्रत्याशित घटना घटित हो जाती है।
इस योजना के तहत, यदि किसी प्रवासी मजदूर की मृत्यु या स्थायी विकलांगता किसी दुर्घटना के कारण होती है, तो उसके परिवार को वित्तीय सहायता दी जाती है।
योजना में हुए बदलाव और अनुदान राशि में वृद्धि
इस योजना के तहत पहले दुर्घटना में मृत्यु होने पर 1 लाख रुपये का अनुदान दिया जाता था, जबकि स्थायी विकलांगता के मामलों में 75 हजार रुपये और आंशिक विकलांगता के मामलों में 37,500 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती थी।
लेकिन 2024 में योजना में सुधार किया गया है और अनुदान राशि में वृद्धि की गई है:
- मृत्यु के मामलों में 2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
- स्थायी विकलांगता के मामलों में 1 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
- आंशिक विकलांगता के मामलों में 50 हजार रुपये की राशि दी जाएगी।
यह बदलाव उन मजदूरों और उनके परिवारों के लिए बहुत लाभकारी है, जो आर्थिक संकट में होते हैं और इस सहायता से उनके जीवन में राहत मिलती है।
योजना के लिए पात्रता
बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं:
- आवेदक बिहार राज्य का निवासी होना चाहिए।
- मजदूर को प्रवासी होना चाहिए, अर्थात वह बिहार से बाहर किसी अन्य राज्य या देश में काम कर रहा हो।
- दुर्घटना के स्वरूप में निम्नलिखित घटनाएँ शामिल हो सकती हैं:
- सड़क या रेल दुर्घटना
- विद्युत स्पर्शघात
- सर्पदंश
- आग से जलने की घटनाएँ
- पेड़ या भवन का गिरना
- जंगली जानवरों का हमला
- आतंकवादी या अपराधी हमले
हालांकि यदि मजदूर की मृत्यु आत्महत्या, नशे के कारण, या आपत्तिजनक गतिविधियों में शामिल होने के कारण होती है, तो इस योजना के तहत अनुदान नहीं मिलेगा।
आवश्यक दस्तावेज
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को कुछ दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे, जो निम्नलिखित हैं:
- आयु प्रमाण पत्र (जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस)
- आवास प्रमाण पत्र
- गवाहों के नाम तथा हस्ताक्षर
- मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी
- मृत्यु प्रमाण पत्र (मृत्यु के मामलों में)
- प्रवासी मजदूर का पहचान पत्र (कार्य प्रमाण पत्र)
- निःशक्तता प्रमाण पत्र (सरकारी डॉक्टर द्वारा जारी)
- बैंक पासबुक की कॉपी
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना के लिए आवेदन करना अब काफी आसान हो गया है। आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- सबसे पहले बिहार सरकार के आधिकारिक पोर्टल Service Plus Bihar पर जाएं।
- “बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना” पर क्लिक करें।
- फिर सामने आए फॉर्म में सभी जानकारी सही-सही भरें और जरूरी दस्तावेज़ स्कैन करके अपलोड करें।
- फॉर्म को पुनः जांचें और सबमिट करें।
- आवेदन सबमिट होने के बाद विभाग द्वारा दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी और सत्यापन के बाद अनुदान राशि सीधे बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
यदि किसी प्रकार की समस्या आती है, तो संबंधित अंचल कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
योजना के उद्देश्य और लाभ
बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना का प्रमुख उद्देश्य प्रवासी मजदूरों को दुर्घटनाओं के समय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के द्वारा, मजदूरों के परिवारों को आर्थिक राहत मिलती है और उनका जीवन कठिनाइयों से उबर सकता है।
यह योजना एक सुरक्षित भविष्य और आर्थिक राहत प्रदान करती है, खासकर तब जब कोई मजदूर दुर्घटना का शिकार होकर परिवार का आर्थिक आधार खो बैठता है।
निष्कर्ष
बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना प्रवासी मजदूरों के लिए एक बहुत बड़ा वरदान साबित हो रही है। सरकार ने इस योजना के तहत अनुदान राशि में वृद्धि की है, जिससे यह योजना पहले से कहीं अधिक प्रभावी और लाभकारी बन गई है। इससे उन मजदूरों और उनके परिवारों को मदद मिल रही है, जो अपनी मेहनत और संघर्ष से घर-परिवार का पालन-पोषण करते हैं।
बिहार राज्य के प्रवासी मजदूरों के लिए यह एक आशा की किरण है, जो उन्हें आर्थिक संकट से उबरने और अपनी स्थिति को सुधारने का अवसर प्रदान करती है।